Nojoto: Largest Storytelling Platform

आज सुबह उठकर एक किताब लिख रहा हूं, लगता है जैसे ख

आज सुबह उठकर एक किताब लिख रहा हूं, 
लगता है जैसे खुद के ही ख्वाब लिख रहा हूं।
अलसाई सुबह को उठकर ये बात सोचता हूं, 
कि जाना नहीं जहां क्यों उस राह चल रहा हूं। #मंजिलों से दूर
आज सुबह उठकर एक किताब लिख रहा हूं, 
लगता है जैसे खुद के ही ख्वाब लिख रहा हूं।
अलसाई सुबह को उठकर ये बात सोचता हूं, 
कि जाना नहीं जहां क्यों उस राह चल रहा हूं। #मंजिलों से दूर
anayagupta6644

Ateet

Growing Creator

#मंजिलों से दूर