चंद सिक्कों पर टिकी हैं यारियां सारी, सिर्फ मतलब के लिए है सब रिश्तेदारी। कौन है इस जहां में भला खरा सिक्का, खोंट के विष से भरी है ये दुनिया सारी।। ✍️ बंसीधर ©अनकहे शब्द @अनकहे शब्द @BwithT