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ज़िन्दगी ग़लतियों का पुलिंदा सा है। सीख लेकर चले जो

ज़िन्दगी ग़लतियों का पुलिंदा सा है।
सीख लेकर चले जो चुनिंदा सा है।
वक़्त के हाथ की कठपुतली बने जो!
उनसे उनका ख़ुदा भी शर्मिंदा सा है। आप सभी साथियों को मेरा प्रणाम ... आज कुछ लिखने का मन नही हो रहा था। किन्तु 14 अप्रैल  देशवासियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है।
शून्य से अनन्त तक जाने का पथ संचलन कर्ता #आर्यभट्ट के साथ भारतीय संविधान को अस्तित्व में लाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने वाले आदरणीय बाबासाहब अम्बेडकर जी की जयंती भी।
मेरी ओर से संपूर्ण भारतीय जनमानस को हार्दिक शुभकामनाएं।
#1_मई_तक_लॉकडाउन_के_साथ_राजस्थान_सतर्क_है  आप भी हो जाइए क्योंकि हमारे प्रधान सेवक 3 मई तक इसके सख़्ती से पालन करने की कह चुके हैं।
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भारतीय जनमानस तैयार भी है और अब अपनी और अपनों की फ़िक्र भी सताने लगी है किन्तु भयभीत नही है क्योंकि विश्वभर के आँकड़े हमें बताते है कि भारत में #coronavirus  का प्रभाव विकसित देशों की अपेक्षा अच्छे से नियंत्रण में रखा है।
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कुछ भूलें सरकार से तो कुछ अवाम से हुई थी फ़िलहाल मैं बस यही कहना चाहता हूँ कि हम सुरक्षित है जब तक कि घरों में है। भीड़ का हिस्सा बनते ही लोग बीमारी का शिकार हुए है। इसलिए अब हमें सरकार के निर्देशों की अनुपालना पूर्ण अनुशासन में करनी होगी जिससे 20 अप्रैल के बाद सभी को थोड़ी राहत मिल सके। इतना ही कहूँगा।
ज़िन्दगी ग़लतियों का पुलिंदा सा है।
सीख लेकर चले जो चुनिंदा सा है।
वक़्त के हाथ की कठपुतली बने जो!
उनसे उनका ख़ुदा भी शर्मिंदा सा है। आप सभी साथियों को मेरा प्रणाम ... आज कुछ लिखने का मन नही हो रहा था। किन्तु 14 अप्रैल  देशवासियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है।
शून्य से अनन्त तक जाने का पथ संचलन कर्ता #आर्यभट्ट के साथ भारतीय संविधान को अस्तित्व में लाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने वाले आदरणीय बाबासाहब अम्बेडकर जी की जयंती भी।
मेरी ओर से संपूर्ण भारतीय जनमानस को हार्दिक शुभकामनाएं।
#1_मई_तक_लॉकडाउन_के_साथ_राजस्थान_सतर्क_है  आप भी हो जाइए क्योंकि हमारे प्रधान सेवक 3 मई तक इसके सख़्ती से पालन करने की कह चुके हैं।
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भारतीय जनमानस तैयार भी है और अब अपनी और अपनों की फ़िक्र भी सताने लगी है किन्तु भयभीत नही है क्योंकि विश्वभर के आँकड़े हमें बताते है कि भारत में #coronavirus  का प्रभाव विकसित देशों की अपेक्षा अच्छे से नियंत्रण में रखा है।
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कुछ भूलें सरकार से तो कुछ अवाम से हुई थी फ़िलहाल मैं बस यही कहना चाहता हूँ कि हम सुरक्षित है जब तक कि घरों में है। भीड़ का हिस्सा बनते ही लोग बीमारी का शिकार हुए है। इसलिए अब हमें सरकार के निर्देशों की अनुपालना पूर्ण अनुशासन में करनी होगी जिससे 20 अप्रैल के बाद सभी को थोड़ी राहत मिल सके। इतना ही कहूँगा।