प्यार बांटने से प्यार है मिलता। आखिर क्यों करते हम कंजूसी।। जाने, पैसे आगे लोगों का ईमान क्यूं बिकता। क्यूं करते हम चापलूसी।। पैसे वाले की तारीफ सब है करते। जैसे मीठे पर मंडराएं मक्खी।। सच्चाई बोलने से क्यूं है डरते। ऐसी झूठी फरेबी दुनिया की आखिर नींव किसने रखी।। क्यूं जिंदगी सरल ना रह सके। क्यूं करते है लोग दिखावा।। सच्ची मुस्कान क्यूं ना रख सके। क्यूं करते हर दम झूठी मुस्कान का छलावा।। प्यार बांटिए और सच्चे रिश्ते बनाइए। झूठी चापलूसी के रिश्ते ना आएंगे काम।। राम भजन कर शीतल मन बनाइए। क्यूंकि सच्चा है तो उस मालिक का नाम।। Vasudha uttam #sachhibate #Sachayi #truthoflife #moral ##nojoto #Krishna