कभी कभी मुश्किल हो जाता है कह देना, लफ्ज छुपाने में क्या मज़ा है हाए। बहुत खूबसूरत लगती है हर बात जिंदगी की, जीवन से गुफ्तगू का जो मज़ा है हाय। मैंने देखा है लगभग हर नज़ारा जिंदगी का, जिंदगी की वादियों में जो मज़ा है हाय। हर जख्म और हर जख्म की आह सुन रखी है, खुदको खुद संभालने का जो मज़ा है हाय। मैंने देखा है कैसे मेघों से गुजर बूंदें वापस सागर में आती हैं, खुदको खुद से मिलाने का जो मजा है हाय। ©Tanya Sharma (लम्हा) हाय! खुशी वाली सेंस में यूज हुआ है जैसे कहते हैं ना आय हाय मजा आ गया