वृक्षों की भांती हर मौसम हर पहर अड़िग रहिए चाहे परिस्थियाँ कुछ भी क्यों ना हो अपने आप को अड़िग स्थिर रखिए !! सुप्रभात। अंदर बाहर का मौसम कैसा भी हो आप जहाँ हैं वहीं पे रहिए स्थिर रहिए वृक्षों की भांती हर मौसम हर पहर अड़िग रहिए चाहे परिस्थियाँ कुछ भी क्यों ना हो अपने आप को अड़िग स्थिर रखिए !!