तू धरम के नाम पर सितम करता जाएगा , तेरा करम कौन से खाते में लिखा जाएगा , ये स्वर्ग नरक दोनों दरवाजे बंद कर बैठे हैं , तू माटी छोड़ कर जाएगा तो कहां जाएगा , जग की बागीची में पाप-पुण्य के पेड़ लगे हैं , जो तू खाएगा तो पहले किसका फल खाएगा , दिल बहलाने को सुख-दुख का ये खेल रचा है , तू जीतेगा तो खोएगा , तू हारेगा तो पाएगा , यहां पग-पग पर जात-धरम के बाजार लगे हैं , मन की मैली चादर पे तू कौन सा रंग चढ़ाएगा , जब-जब तू राम के नाम पर आदमी को खाएगा , तब-तब तेरा राम खुद आदमी बन के आएगा !!!! ©Nikita Sharma #life #philosophical #Regional #gajal #poem #shayri #Life