अक्सर वही लोग उठाते हैं हम पर उंगलियाँ, जिनकी हमें छूने की औकात नहीं होती #अक्सर वही #लोग उठाते हैं हम पर #उंगलियाँ, जिनकी हमें #छूने की #औकात नहीं होती।