कर दिया अपमाना तूने चाणक्य जैसे संत का बन गया वो संत कारण घनानंद तेरे अंत का चोटी खोल निर्लज्ज तूने जिसके हृदय को दुखाया था उसके की ही चाणक्य नीति ने चन्द्रगुप्त को बनाया था अस्मिता के लोभ ने तूझ में भर दिया अहंकार था उसी दिन से सिर पर तेरे कालचक्र सवार था ले लिया चाणक्य ने बदला अपने अपमान का ये महज घटना नहीं सवाल है ब्राह्मण के सम्मान का Instagram id @shyariz_dil_se ©Kambhakht Kavi(काम भक्त कवि) चाणक्य/विष्णुगुप्त/कौटिल्य #कविता #कौटिल्य