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इश्क़ है तुमसे,ये कैसे खुलकर मैं कहूँ। बंदिशों में

इश्क़ है तुमसे,ये कैसे खुलकर मैं कहूँ।
बंदिशों में हूँ बँधी,कैसे इन सबसे छूटूँ।
मैंने स्वाद इश्क़ का बखूबी है चख लिया,
अब इज़हार न करूँगी किसीसे करूँगी सिर्फ अलविदा।
 🎀 इश्क़ है तुमसे 🎀 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 आज की प्रतियोगिता (Challenge-430) "वफ़ा की उम्मीद" को जीतने के लिए "इश्क़ है तुमसे" पर कोलाब करना अनिवार्य है। 

🎀 3 लेखकों को मिलकर कोलाब करना है और कुछ अनोखा लिखने की कोशिश करनी है। 

🎀 काॅमेंट में भी "इश्क़ है तुमसे" ही काॅमेंट करना है।
इश्क़ है तुमसे,ये कैसे खुलकर मैं कहूँ।
बंदिशों में हूँ बँधी,कैसे इन सबसे छूटूँ।
मैंने स्वाद इश्क़ का बखूबी है चख लिया,
अब इज़हार न करूँगी किसीसे करूँगी सिर्फ अलविदा।
 🎀 इश्क़ है तुमसे 🎀 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 आज की प्रतियोगिता (Challenge-430) "वफ़ा की उम्मीद" को जीतने के लिए "इश्क़ है तुमसे" पर कोलाब करना अनिवार्य है। 

🎀 3 लेखकों को मिलकर कोलाब करना है और कुछ अनोखा लिखने की कोशिश करनी है। 

🎀 काॅमेंट में भी "इश्क़ है तुमसे" ही काॅमेंट करना है।
ashagiri4131

Asha Giri

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