बार-2 ठोकर खा कम्बख्त दिल, बेवफा से वफा की आस रखता है, मौत के मुँह से लोट कर भी, फिर ज़हर बने पानी की प्यास रखता है। ना जाने क्यों सब अनदेखा कर, पत्थर के पिघल जाने की आस रखता है, घावों को छुपाती झूठी उम्मीदों को सहेज कर, हर पल अपने पास रखता है। ©Ruchika #बेवफाई… #उम्मीदें #वफा