हम चाह कर भी कैह नहीं पाते हम चाह कर भी अलग नही रह पाते ऐसा क्या है तुझमे जो हम तुमको खूद से अलग नही कर पाते क्यो आज भी तेरी हसी मैं वही बात है क्यो तू आज भी मेरे लिए उतनी ही खास है बेगैरत हु मै मुझे खुदा का दर्जा न दे तू मुझसे दुर हो जा कही देर ना हो जाए बेगैरत का कोइ घर नहीं होता बैगैरत को खूदा का कोइ इल्म नही होता मगर उस बेगैरत सी मोहब्बत कोई कर भी नही सकता जो देख कर भी अंदेखा कर दे जो चह कर भी अलग कर दे ऐसा बेगैरत सब की किस्मत मै भी नही होता ©Ankit Soni #बेगैरत #allalone