Nojoto: Largest Storytelling Platform

न जाने ये लफ्ज़ कब मुकम्मल हो न जाने कब दिल से दिल

न जाने ये लफ्ज़ कब मुकम्मल हो
न जाने कब दिल से दिल की बात हो
न जाने कब सहरा मे बरसात हो
न जाने कब वो हसीं रात हो
जब तुम मेरे पहलू में हो और मैं  तुम्हारी पनाह में 
फूलों की शोख़ी हो तुम्हारे दामन में
और तुम्हारे ख्वाब मेरी निगाह में 
तन से तुम्हारे लिपटे रहे ये तमाम इंद्रधनुषी रंग 
और हसरतो की दुनिया मे यादों के जुगनू भी हो चंद
एहसास तुम्हारा तब बन जाये शबनम की पाक़ीज़गी
साथ तुम्हारा जैसे गुलों की ताज़गी...
#ss गुलों की ताज़गी
#ss #NojotoHindi
न जाने ये लफ्ज़ कब मुकम्मल हो
न जाने कब दिल से दिल की बात हो
न जाने कब सहरा मे बरसात हो
न जाने कब वो हसीं रात हो
जब तुम मेरे पहलू में हो और मैं  तुम्हारी पनाह में 
फूलों की शोख़ी हो तुम्हारे दामन में
और तुम्हारे ख्वाब मेरी निगाह में 
तन से तुम्हारे लिपटे रहे ये तमाम इंद्रधनुषी रंग 
और हसरतो की दुनिया मे यादों के जुगनू भी हो चंद
एहसास तुम्हारा तब बन जाये शबनम की पाक़ीज़गी
साथ तुम्हारा जैसे गुलों की ताज़गी...
#ss गुलों की ताज़गी
#ss #NojotoHindi
varshasinghbaghe2212

Shilpi Singh

New Creator