मन की आखों से देखों क्योंकि क्या बतायें तुम्हें हमने तो अपने जन्नत को खोया है। मत पूछो कि उस मां की याद में ये दिल बिखर कर रोया है।। मेरी मां,अब तुझे ढूंढू कहां। ©Aditya Kumar Bharti #मेरी मां को समर्पित