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गहरी यादें फिर से से,

गहरी यादें फिर से                             से, कोई बताए,
दिल की धक धक और रक्त की लहरें नई धुन कोई बनाए,
यूँ शाम की अंधेरी महफिल में चाए की खुशबू, कोई मिलाए,
कोयल भी शर्माए, जब मन तुम्हारे नाम की धुन कोई गाए।
जिसकी यादों में ठंडी हो गई अब, काश गर्म कर वही लाए,
त्यौहारों सी रोशनी लाए आंगन में, स्वागत वो जब भी आए,
तुलसी की सेवा में, तितली सी फुदकती, सुनूं जो गुनगुनाए,
ए लक्ष्मी तुम्हारा इंतज़ार है, इस चार दिवारी को घर बनाएं।


देखेंगे साथ झील, नदियां, समंदर, वादियां व परबत मालाएं,
वो बड़ा सा सपनों का महल जिसकी छत आसमां चीर जाए,
अब कितने ख्याल जो ताल से ताल बाज की कलम मिलाए।
मिलेंगे अगले सपने में, खुली आंखों से अब कोई देखा जाए।
 #रातकाअफ़साना भी कोई पुराना नहीं है,
वो रूठ के चला गया अभी तो मेंहदी भी नहीं सूखी,
रंग मिटने से पहले शायद लौट आए #बाज वापिस,
लोग तो तमाशा देख लौट जाएंगे, मन को क्या दिलासा दूंगी।
#collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
#baaj Collaborating with YourQuote Didi
गहरी यादें फिर से                             से, कोई बताए,
दिल की धक धक और रक्त की लहरें नई धुन कोई बनाए,
यूँ शाम की अंधेरी महफिल में चाए की खुशबू, कोई मिलाए,
कोयल भी शर्माए, जब मन तुम्हारे नाम की धुन कोई गाए।
जिसकी यादों में ठंडी हो गई अब, काश गर्म कर वही लाए,
त्यौहारों सी रोशनी लाए आंगन में, स्वागत वो जब भी आए,
तुलसी की सेवा में, तितली सी फुदकती, सुनूं जो गुनगुनाए,
ए लक्ष्मी तुम्हारा इंतज़ार है, इस चार दिवारी को घर बनाएं।


देखेंगे साथ झील, नदियां, समंदर, वादियां व परबत मालाएं,
वो बड़ा सा सपनों का महल जिसकी छत आसमां चीर जाए,
अब कितने ख्याल जो ताल से ताल बाज की कलम मिलाए।
मिलेंगे अगले सपने में, खुली आंखों से अब कोई देखा जाए।
 #रातकाअफ़साना भी कोई पुराना नहीं है,
वो रूठ के चला गया अभी तो मेंहदी भी नहीं सूखी,
रंग मिटने से पहले शायद लौट आए #बाज वापिस,
लोग तो तमाशा देख लौट जाएंगे, मन को क्या दिलासा दूंगी।
#collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
#baaj Collaborating with YourQuote Didi
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Baaj

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