देखता हूं जब इन शाखाओ को, हर बार एक नया चेहरा नज़र आता है, कभी हँसता तो कभी रोता नज़र आता है, कभी बच्चा कभी बुड्डा तो कभी जवान नज़र आता है, हर तरह का इंसान नज़र आता है, उसका हर रंग रूप नज़र आता है, जीवन का हर क्षण नज़र आता है, जन्म से मृत्यु तक का सफर नज़र आता है, जीवन के कर्मो का फल भी नज़र आता है, मोह माया के जंजाल में जकड़ा इंसान नज़र आता है, आता है नज़र एक दिन सब धरा का धरा रह जाता है, इंसान बिना लिबास के इस धरती पर आता है, और बिना कुछ लिए ही इस धरती से चला जाता है, जिस मिट्टी से बनता है एक दिन उसी मिट्टी में मिल जाता है, देखता हूं जब इन शाखाओ को, हर बार एक नया चहेरा नज़र आता है।। देखता हूं जब इन शाखाओ को हर बार एक नया चेहरा नज़र आता है #tree #hindi #insaan #human #jeevan #yqbaba #yqdidi #yourquotes #yq #writer #poem #kavita #writing #yqpaaji #reality #inpiring #truth