Nojoto: Largest Storytelling Platform

तुम ऐसी क्यों थी माँ ? माँ, वो कह रहे हैं, आज तुम

तुम ऐसी क्यों थी माँ ?

माँ, वो कह रहे हैं, आज तुम्हारा दिन है, कुछ लिखूँ तुम्हारे बारें में। माँ, तुम बताओ, क्या लिखूँ, हमेशा तुम ही तो बताती थी, ऐसे नहीं, ऐसे कर के लिखना हैं।
तुमको याद है कैसे मैं तुम्हारी गोद में सिर रखकर जाने कब सो जाया करता था। तुम ठपकी देकर लोरी सुनाया करती थी। जो तुम एक रोटी माँगने पर भी, एक और ज्यादा रख जाती थी, और तबियत खराब होने पर रात भर जागती थी, सब याद आता है माँ।
माँ, तुमको याद है जब मैं स्कूल ये वापस आता था, सबसे पहले तुमको ही ढूँढता था, तुमसे काम तो कुछ ना हुआ करता था, पर देखे बिना जाने क्यों दिल ना माना करता था।
माँ, एक बात बतानी थी, जब तुम खड़ा कर के वो सात का पहाड़ा सुनती थी ना, तब मुझको तुमसे थोड़ा डर लगता था, पर तुमने डरा-डरा कर अपने कदमों पर चलना सीखा दिया। और हाँ लेकिन मैं बता देता हूँ, मुझकों हाथ-पैर धोने के लिए डाँट खाना बिल्कुल पसन्द नहीं था, शायद इसलिए यहाँ तुमसे दूर कोई कुछ नहीं कहता मुझसे माँ।

©Samrat
  Sad Boy
samrat1608813641535

Samrat

New Creator

Sad Boy #विचार

6,624 Views