वो शख्स भी वफ़ा लेकर नहीं आया मेरा इश्क़ भी सेहरा लेकर नहीं आया मुसीबत ने कोई कसर बाक़ी रखा अब तक फिर भी जिंदगी तजरुबा लेकर नहीं आया मिल जाता तुझे भी सोहरत व इज़्ज़त तुने कोई झूठा दावा लेकर नहीं आया सुनता भी नहीं गुहार गरीबी का जिया वो अदाकारी का ज़ुबा लेकर नहीं आया ऐसे हादसे भी टल जाते मेरे सफर के हम ने माँ की दुआ लेकर नहीं आया रोज नये नये मुसीबत से सामना होता शुक्र खुदा का सिकवा लेकर नहीं आया ©Zia Hasan #zaat #New #zia #Rose #sher #shayeri #Sa #reading #wetogether