Nojoto: Largest Storytelling Platform

रस भाव शब्द के तुम बनने को गीत प्रीत के तुम बनने क

रस भाव शब्द के तुम बनने को
गीत प्रीत के तुम बनने को
आ जाओ आँखे चार करें
कि कविता मेरी बुला रही....

                             ---- गौरव #drgkpoetry
रस भाव शब्द के तुम बनने को
गीत प्रीत के तुम बनने को
आ जाओ आँखे चार करें
कि कविता मेरी बुला रही....

                             ---- गौरव #drgkpoetry