मैं अपने खामोशियो का राज़ सबको बता दूंगा यारा, तेरी यारी कसम, सब कुछ सुना दूंगा कहाँ से शुरू करूँ,कहाँ से खत्म, ये तो नही मालूम पर हाँ, वो महफ़िल वाली माज़रा, कहो तो बता दूँगा हाँ सुना मैंने, क्या कहा तुमने, इस बात को पर्दा रहने दूँ पर मेरे साथ जो हुआ, वो वाक़्या, कैसे भुला दूँगा तुमने खाई थी कसमे , ताउम्र साथ निभाने की पर दग़ा दे दिया तुमने, ये वफ़ा कैसे छुपा लूँगा बड़ी बदक़िस्मती थी मेरी, तुम्हारे साथ चलने की जो लिखे थे पन्नो पे यादेँ, अब वो नदियों में बहा दूँगा ©Muradi Shahid मैं अपने खामोशियो का राज़ सबको बता दूँगा #muradishahid #muradi_shahid_shayari #muradishahidpoetry #Love #lovepoetry #letter