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ये दिल बार बार चोट खाकर भी संभलता क्यों नहीं.. इसम

ये दिल बार बार चोट खाकर भी संभलता क्यों नहीं..
इसमें से पिछली उल्फ़त का डर निकलता क्यों नहीं..

बड़ा मुश्किल होता है मेरे लिए उनको जवाब दे पाना..
जो ये पूछ लेते है मुझसे तू मोहब्बत करता क्यों नहीं..

मैंने उस शक़्स को भी इस दफा गिरते हुए देख लिया..
जो मुझसे कहा करता था तू ठीक से चलता क्यों नहीं..

छोटे दर्द मौला आंखों से निकल जाते है पल भर में
पर जब दर्द हद से ज़्यादा हो वो निकलता क्यों नहीं..

क्यों उस एक पन्ने को बार बार पढ़ता रहता हूँ मैं..
मेरी ज़िन्दगी का वो एक पन्ना अब पलटता क्यों नहीं.. #NojotoHindi #Hindipoetry #lovequotes #quotes #shayari
ये दिल बार बार चोट खाकर भी संभलता क्यों नहीं..
इसमें से पिछली उल्फ़त का डर निकलता क्यों नहीं..

बड़ा मुश्किल होता है मेरे लिए उनको जवाब दे पाना..
जो ये पूछ लेते है मुझसे तू मोहब्बत करता क्यों नहीं..

मैंने उस शक़्स को भी इस दफा गिरते हुए देख लिया..
जो मुझसे कहा करता था तू ठीक से चलता क्यों नहीं..

छोटे दर्द मौला आंखों से निकल जाते है पल भर में
पर जब दर्द हद से ज़्यादा हो वो निकलता क्यों नहीं..

क्यों उस एक पन्ने को बार बार पढ़ता रहता हूँ मैं..
मेरी ज़िन्दगी का वो एक पन्ना अब पलटता क्यों नहीं.. #NojotoHindi #Hindipoetry #lovequotes #quotes #shayari