तोड़ के दिल तूने अदालत खोली कहा फिर तेरा यहाँ मुकदमा दर्ज नही होगा टूटे दिल का यहाँ मर्ज नही होगा बेवफा एक आजाद दिल को तूने आशिक़ बनाया जिसकी दूरी घर से आफिस उसे मयख़ाना दिखाया सुन शराब इतनी पियेंगे की कर्ज़ भी होगा इसी शराब से दिल का मर्ज भी होगा महफ़िल सजेगी टूटे दिलों से और हर दिल से एक शेर अर्ज़ भी होगा आज जो तू इतनी खुश है ए बेवफ़ा दिल तोड़ने का तूझे एक दिन हर्ज़ भी होगा इतनी पियेंगे शराब की कर्ज़ भी होगा