क्यों सुनते हो बेबजह बातें ज़माने की.... हमारे दिल से पूछ लेते सनम तुहीं मल्लिका है मेरे दिल के घराने की..... तू जो कह दे अगर तो मैं जीना छोड़ दूं बिन सोचे एक पल सांस लेना छोड़ दूं