पूरा आसमां था और मिला था मिट्टी की महकी खुशबू थी संग और जीवन का उजाला दीया था। एक क्षण में लकीरें बदलीं खामोश कदम और पूरा जहां हुआ जिस पिता का अथाह प्रेम मिला था वही स्रृतियां अब शेष रहीं, जीवन की अश्रु बारिश भी ख़ामोश रही। बिलख रहे पुकार रहे मिलाए पापा से जो उसके जीवन भर अनंत उपकार रहे खिलौनों से भी व्यथा अपनी छुपा रहे हाय! ये प्रकृति ने कैसा खेल है खेला जीवन में पहली मृत्यु देखी पर अंजान रहे पापा कहां गये हैं ?हर दिन के अब सवाल रहे।। ©Shilpa yadav #death #fatherdeath #twinsfather #Jindagi #प्रकृति #आंसू #parent Dhyaan mira Dayal "दीप, Goswami.. Raj yaduvanshi jp lodhi Rajesh rajak manju pawar