कहीं न कहीं रंग बदलते देखे है इंसानों के, अरे अपना काम निकालने के लिए हद से ज्यादा ढंग बदलते देखे है मैंने इंसानों के।। ©Ankur Mishra कहीं न कहीं रंग बदलते देखे है इंसानों के, अरे अपना काम निकालने के लिए हद से ज्यादा ढंग बदलते देखे है मैंने इंसानों के।। #selflove