जो हवा के झोंके से, पन्ने पलट लेती है कभी, मालूम है वह आप नहीं टिकेंगे, न ही बिन पलटे अपना ज़ोर दिखाएंगे, पता है मुझे भी, अंत तक पढ़ना होगा, कुछ पन्ने भले ही पलट जाएं, कुछ अपने पुस्तक में हस्ताक्षर भी अपना करना होगा। खुली किताब की तरह मुझे मिली है ज़िन्दगी... #खुलीकिताब #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi