रण-भूमि जिसमें चल रहा एक ऐसा युद्ध... जिसका ना कोई आगाज़ है, और ना ही कोई अंत , इसमें ना कोई योद्धा सम्मिलित, ना ही कोई सैनिक, ना किसी प्रकार का शस्त्र अनिवार्य, ना ही शास्त्र हुनर, ना कोई किसी का शत्रु है, ना कोई किसी का सहचर, एक ऐसा युद्ध जिसमें ना कोई घायल हो और ना कोई मरहम लगाए, ना कोई सम्राट है, जो अपनी जीत का बिगुल बजाए, यह ऐसा युद्ध है, जिसकी ख़बर भर भी न किसी तक पहुंच पाए, और ये युद्ध बिना रुके, रण भूमि में ऐसे ही चलता जाए..... [ क्योंकि इस युद्ध की रण-भूमि,मनुष्य का मस्तिष्क है, यह सबसे कठिन लड़ाई है, जो मनुष्य बिना किसी शस्त्र के,खुद से ही लड़ता है, वह ना जीतता है, ना हारता है, लेकिन हर वार से कुछ सीखता है, और जब तक मनुष्य का जीवन है, इस रण भूमि से भागना असंभव है...] ©Shivani Puri रण-भूमि #Journey