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अब तुम्हें कैसे बताएं बहुत आरजू मिन्नतें की पर वो

अब तुम्हें कैसे बताएं बहुत आरजू मिन्नतें की पर वो नहीं मानें।
मेरा दिल तोड़ के जाना था इसलिए नहीं मानें।
लौटकर न आने के कितने बहाने
हाले दिल मेरा कौन जाने।
शायर:- शैलेन्द्र सिंह यादव
 #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी हाले दिल कौन जाने
अब तुम्हें कैसे बताएं बहुत आरजू मिन्नतें की पर वो नहीं मानें।
मेरा दिल तोड़ के जाना था इसलिए नहीं मानें।
लौटकर न आने के कितने बहाने
हाले दिल मेरा कौन जाने।
शायर:- शैलेन्द्र सिंह यादव
 #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी हाले दिल कौन जाने