खुद से सवाल थे, जिनके दीए खुद ही ज़वाब यूँ रातभर जागा किए, पर आँखो में नींद बे-हिसाब क्यूँ अगर हम अपने किए का हिसाब करते चलें तो हमारा काम और बेहतर हो सकता है #हिसाबकिताब Collaborating with YourQuote Didi Khud se sawaal the... jinke diye khud hi Jawaab Yun. Raat Bhar Jaaga kiye, per Aankho mein Nind be-hisaab kyun.