सुन ज़रा सुन, ऐ मेरे प्यारे रुमाल। तूने रक्खीं जेबें मेंरी मालामाल। बन के तू साथी चला चुपचाप से, पोंछे आंसू पूछे बिन कोई सवाल। राज़ कितने तेरी परतों में छिपे, देख तुझको जान लें सब मेरा हाल। बन गया तू यूँ मेरा पहचान पत्र, छोड़ दूं तुझको जहां, उठते सवाल। मुझको लगता हूबहू तू अपने सा, चुप ही रहता चाहे मच जाए बवाल। साफ़ सुथरा मुझको रखता इतना तू, जैसे बालक का रखे माता खयाल। Image from Google #अंजलिउवाच #YQdidi #रुमाल #सवाल #खयाल #बवाल #मेरारुमाल