कभी तो हमारा भी वक़्त होगा, साथ मेरे कुछ सुकून सा होगा। सिराहने बैठा कोई अपना सा होगा, आज और कल, बस वहीँ होगा। आंख मे चमकता कोई सितारा सा होगा, छोटी सी मुस्कुराहट का राज़ सा होगा। मूझे सुन्ने भी वाला वो एक ही होगा, समझ कर समझाने वाला कभी तो होगा। सिमरन राय कोई तो होगा