मेरी वास्तविक आवाज
अंतिम माह का माफ़ीनामा
जाते साल का अंतिम माह चलो जो रूठे है उनको मना लें
जो परायेपन के शिकवे हुए उनको भुला दें
चार दिन का जीवन है क्या रूठना कैसी नफ़रत दुनिया एक
मेला है,सब मिलकर रहें खुश रहे, माँग कर माफी और करके
उन लोगो को माफ जो हमसे नफ़रत हैं करते,
चलो भुलाकर गिले शिकवे सबका नववर्ष के आगमन का #Trending#nojotohindi#nojotoapp#Female#nojotocommunity#indianwriters#mstarunasharma25#अलविदासाल