वक़्त को कुछ वक़्त तो दो हमे तुम्हे सम्भालने का हक तो दो वक़्त को कुछ वक़्त तो दो तुम्हारा ये टुटा दिल जुड़ने तो दो अपने आप से,उस बेवफा से नफरत करना बंद तो करो वक़्त को कुछ वक़्त तो दो ये जो आईने से तुम दूर भागते हो अपने आप से ही नजरें चुराते हो अपने हृदय से इस कुंठता का त्याग तो करो वक़्त को कुछ वक़्त तो दो खुद को यूँ चोट पहुचाना बन्द तो करो खुद में यु खोट निकालना बन्द तो करो वक़्त को कुछ वक़्त तो दो