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धूर्त आदमी को चतुराई से समझाने मे कोई बुराई नहीं ह

धूर्त आदमी को चतुराई से समझाने मे कोई बुराई नहीं है पढ़िए यह रोचक कहानी !! 😈😈
{Bolo Ji Radhey Radhey}

मुखिया और भोलू की चतुराई :- 🐻 कई साल पहले एक रामपुर नाम के गांव में आदित्यराव नाम का एक मुखिया रहता था। वह बहुत ही कंजूस था और लोगों की भलाई के लिए पैसा नहीं देता था । एक बार गांव में बहुत सूखा पड़ गया। लोगों को पिने के पानी के लिए बहुत दिक्कत हो रही थी। लोग दूसरे गांव से पानी लाकर कुछ दिनों तक अपना काम चलाते रहे लेकिन उसके बाद उन्होंने भी पानी देने से मना कर दिया। 

🐻 इसके बाद गांव के लोग मुखिया के पास गए और उसको बोला आप गांव में एक कुआँ खुदवा दो जिससे गांव के लोग सूखे की स्थिति में उससे पानी पी सके। मुखिया ने कहा कुआँ खोदने के लिए बहुत पैसे लगेंगे इतने पैसे नहीं है। गांव में भोलू नाम का एक चतुर लड़का रहता था। उसने गांव वालों से कहा हम गांव वालों को ही मिलकर कुआँ खोदना चाहिए।

🐻 उसकी इस बात को सब गांव वाले मान गए। सभी गांव वालों ने पैसे इकट्ठे किये और कुआँ खुदाई का काम शुरू किया। कुछ दिन कुआँ खोदने के बाद नीचे कुँए में एक बहुत बड़ा पत्थर आ गया। जिसके कारण कुआँ खोदने का काम रुक गया। पत्थर को तोड़ने के लिए और भी पैसों की जरुरत थी लेकिन जमा किये गए पैसे उसके लिए पर्याप्त नहीं थे। 

🐻 भोलू ने गाँव वालों से कहा यह काम अब तुम मुझ पर छोड़ दो। रमन ने रात को जब कोई नहीं था तब आकर कुँए में 5 – 6 पीपे तेल के उस कुँए में डाल दिए। सुबह जब गाँव के लोगों ने कुँए में तेल देखा तो पुरे गाँव में यह बात फ़ैल गयी की कुँए में से तेल निकल रहा है। जब गांव के मुखिया को यह बात पता लगी की कुँए में से तेल निकल रहा है तो उसने लालच में गाँव वालों से कहा इस पत्थर को मै तुड़वा देता हूँ और कुआँ मै ही खुदवा देता हूँ।

🐻 इसके बाद उसने बाक़ी कुआँ खुदवाना चालू किया। कुछ दिनों में पूरा कुआँ खुद गया। मुखिया इसमें से तेल निकलने की उम्मीद कर रहा था लेकिन कुँए में से पानी निकलने लगा। सब गाँव वाले पानी को पाकर बहुत खुश हुए। मुखिया को पता चल गया की किसी ने उसको बेवकूफ बनाया है। इस तरह भोलू की चतुराई से कुआँ खुद गया।

कहानी की शिक्षा :-🐻 धूर्त आदमी को चतुराई से समझाने मे कोई बुराई नहीं है..N S Yadav 🙏 धन्यवाद 🙏

©N S Yadav GoldMine धूर्त आदमी को चतुराई से समझाने मे कोई बुराई नहीं है पढ़िए यह रोचक कहानी !! 😈😈
{Bolo Ji Radhey Radhey}

मुखिया और भोलू की चतुराई :- 🐻 कई साल पहले एक रामपुर नाम के गांव में आदित्यराव नाम का एक मुखिया रहता था। वह बहुत ही कंजूस था और लोगों की भलाई के लिए पैसा नहीं देता था । एक बार गांव में बहुत सूखा पड़ गया। लोगों को पिने के पानी के लिए बहुत दिक्कत हो रही थी। लोग दूसरे गांव से पानी लाकर कुछ दिनों तक अपना काम चलाते रहे लेकिन उसके बाद उन्होंने भी पानी देने से मना कर दिया। 

🐻 इसके बाद गांव के लोग मुखिया के पास गए और उसको बोला आप गांव में एक कुआँ खुदवा दो जिससे गांव के लोग सूखे की स्थिति में उससे पानी पी सके। मुखिया ने कहा कुआँ खोदने के लिए बहुत पैसे लगेंगे इतने पैसे नहीं है। गांव में भोलू नाम का एक चतुर लड़का रहता था। उसने गांव वालों से कहा हम गांव वालों को ही मिलकर कुआँ खोदना चाहिए।

🐻 उसकी इस बात को सब गांव वाले मान गए। सभी गांव वालों ने पैसे इकट्ठे किये और कुआँ खुदाई का काम शुरू किया। कुछ दिन कुआँ खोदने के बाद नीचे कुँए में एक बहुत बड़ा पत्थर आ गया। जिसके कारण कुआँ खोदने का काम रुक गया। पत्थर को तोड़ने के लिए और भी पैसों की जरुरत थी लेकिन जमा किये गए पैसे उसके लिए पर्याप्त नहीं थे।
धूर्त आदमी को चतुराई से समझाने मे कोई बुराई नहीं है पढ़िए यह रोचक कहानी !! 😈😈
{Bolo Ji Radhey Radhey}

मुखिया और भोलू की चतुराई :- 🐻 कई साल पहले एक रामपुर नाम के गांव में आदित्यराव नाम का एक मुखिया रहता था। वह बहुत ही कंजूस था और लोगों की भलाई के लिए पैसा नहीं देता था । एक बार गांव में बहुत सूखा पड़ गया। लोगों को पिने के पानी के लिए बहुत दिक्कत हो रही थी। लोग दूसरे गांव से पानी लाकर कुछ दिनों तक अपना काम चलाते रहे लेकिन उसके बाद उन्होंने भी पानी देने से मना कर दिया। 

🐻 इसके बाद गांव के लोग मुखिया के पास गए और उसको बोला आप गांव में एक कुआँ खुदवा दो जिससे गांव के लोग सूखे की स्थिति में उससे पानी पी सके। मुखिया ने कहा कुआँ खोदने के लिए बहुत पैसे लगेंगे इतने पैसे नहीं है। गांव में भोलू नाम का एक चतुर लड़का रहता था। उसने गांव वालों से कहा हम गांव वालों को ही मिलकर कुआँ खोदना चाहिए।

🐻 उसकी इस बात को सब गांव वाले मान गए। सभी गांव वालों ने पैसे इकट्ठे किये और कुआँ खुदाई का काम शुरू किया। कुछ दिन कुआँ खोदने के बाद नीचे कुँए में एक बहुत बड़ा पत्थर आ गया। जिसके कारण कुआँ खोदने का काम रुक गया। पत्थर को तोड़ने के लिए और भी पैसों की जरुरत थी लेकिन जमा किये गए पैसे उसके लिए पर्याप्त नहीं थे। 

🐻 भोलू ने गाँव वालों से कहा यह काम अब तुम मुझ पर छोड़ दो। रमन ने रात को जब कोई नहीं था तब आकर कुँए में 5 – 6 पीपे तेल के उस कुँए में डाल दिए। सुबह जब गाँव के लोगों ने कुँए में तेल देखा तो पुरे गाँव में यह बात फ़ैल गयी की कुँए में से तेल निकल रहा है। जब गांव के मुखिया को यह बात पता लगी की कुँए में से तेल निकल रहा है तो उसने लालच में गाँव वालों से कहा इस पत्थर को मै तुड़वा देता हूँ और कुआँ मै ही खुदवा देता हूँ।

🐻 इसके बाद उसने बाक़ी कुआँ खुदवाना चालू किया। कुछ दिनों में पूरा कुआँ खुद गया। मुखिया इसमें से तेल निकलने की उम्मीद कर रहा था लेकिन कुँए में से पानी निकलने लगा। सब गाँव वाले पानी को पाकर बहुत खुश हुए। मुखिया को पता चल गया की किसी ने उसको बेवकूफ बनाया है। इस तरह भोलू की चतुराई से कुआँ खुद गया।

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🐻 इसके बाद गांव के लोग मुखिया के पास गए और उसको बोला आप गांव में एक कुआँ खुदवा दो जिससे गांव के लोग सूखे की स्थिति में उससे पानी पी सके। मुखिया ने कहा कुआँ खोदने के लिए बहुत पैसे लगेंगे इतने पैसे नहीं है। गांव में भोलू नाम का एक चतुर लड़का रहता था। उसने गांव वालों से कहा हम गांव वालों को ही मिलकर कुआँ खोदना चाहिए।

🐻 उसकी इस बात को सब गांव वाले मान गए। सभी गांव वालों ने पैसे इकट्ठे किये और कुआँ खुदाई का काम शुरू किया। कुछ दिन कुआँ खोदने के बाद नीचे कुँए में एक बहुत बड़ा पत्थर आ गया। जिसके कारण कुआँ खोदने का काम रुक गया। पत्थर को तोड़ने के लिए और भी पैसों की जरुरत थी लेकिन जमा किये गए पैसे उसके लिए पर्याप्त नहीं थे।

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