मिलती थी मुझे वो कही पल पल के फर्क से, फिर रफ्ता रफ्ता फर्क ये सालों मे आ गया, फिर यूं हुआ की आँख से आंसू निकल पड़े, चेहरा कभी जो उसका ख्यालों में आ गया, सिर्फ________________________तुम💘 मौहम्मद इब्राहीम सुल्तान मिर्जा,, मिलती थी मुझे वो कही पल पल के फर्क से, फिर रफ्ता रफ्ता फर्क ये सालों मे आ गया। . फिर यूं हुआ की आँख से आंसू निकल पड़े, चेहरा कभी जो उसका ख्यालों में आ गया।