कैसे कह दू की मुलाकात नहीं होती सपनों में रोज मिलते हैं बस बात ही नहीं होती साँझ का चांद बयां करता है उनका दिन पूरा नहीं छू पाता उनको, ऐसी कोई रात नहीं होती l #नीलेश सिंह #Life