झूठी ख़्वाहिशों का ताना बाना हूँ मैं मैं कौन हूँ , शायद बहुत पुराना हूँ मैं कश्मकश सा वजूद खुश रहता नहीं सच तैरता आंखों में , लबो से निकलता नहीं ख्वाबों कि दुनिया टूट जाएगी, शायद डरता हूँ खुदसे मोह्हबत में खुद से फ़रेब करता हूँ. #innerthought #reality #farebizindagi