एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद दूसरा सपना देखने के हौसले को ही जिंदगी कहते हैं। ©pushpendra 'जिंदगी' पुष्पेन्द्र गुप्ता 'उदित' #बुन्देलखण्डी_गुप्ताजी