गम़ से खाली नहीं, जिस्म का कोना कोई दिल से "आरज़ू" है, सबसे इतनी सी मेरी हम रहे ना रहे, मेरे लिए "मत रोना" कोई क्या पता किस "कोख" से आना हो मेरी ©अनुषी का पिटारा.. #Super_Shayri #लाजबाब़_शायरी #अनुषी_का_पिटारा