क्या सोचकर नाम तेरा राम रहीम पड़ा था, पर एक भी ना काम राम जैसे किए है ! सिंहासन पर बैठकर राम की प्रतिज्ञा सिखा रहे थे , पर एक भी ना काम राम जैसे किए हैं ! दुशासन के जैसा काम तुमने किया है , पर एक भी ना काम राम जैसे किए है ! किया है , तो सिर्फ राम नाम गुड़गान तूने और सारे काम आसाराम जैसे किए हैं ! कवि - शिवम श्रीवास्तव कवि -शिवम श्रीवास्तव कवि - शिवम् श्रीवास्तव लखीमपुर (खीरी ) उत्तर प्रदेश संपर्क सूत्र - 90 2670 8197 #Star