पीढी दर पीढी आर्थिक तंगी जुझता रहा, पर कारण कुछ समझ में नहीं आया, वाह रे ऊपरवाले तेरा भेद कोई समझ न पाया। मेरी यह प्रार्थना है या तो बहुत दे नहीं तो मौत दे..