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जब पलटवार होगी आवाज़ तक नहीं होगी एक बार की बात ह

जब पलटवार होगी आवाज़ तक नहीं होगी

एक बार की बात है मेरी अंगुली में कांटा चुभ गया और मैं रोते हुए खुद ही कांटा निकालने लगी। मां ने दो बार कहा निकालने को लेकिन मैं खुद ही निकाल लेना चाहती थी, आखिर मां ने एक थप्पड़ लगाया और कांटा निकाल दिया। 

वही बात आज भी है, जब कोई हमारा बुरा करता है हम तुरंत उसका जवाब देने की कोशिश करने लगते हैं, हमें ईश्वर से अधिक ख़ुद पर भरोसा रहता है, तो ईश्वर भी चुपचाप तमाशा देखते हैं, लेकिन ईश्वर ही दर्द के कांटे को आसानी से निकाल सकते हैं, बस एक बार भरोसा करके तो देखिए। सब्र करें और देखें
जब पलटवार होगी आवाज़ तक नहीं होगी

एक बार की बात है मेरी अंगुली में कांटा चुभ गया और मैं रोते हुए खुद ही कांटा निकालने लगी। मां ने दो बार कहा निकालने को लेकिन मैं खुद ही निकाल लेना चाहती थी, आखिर मां ने एक थप्पड़ लगाया और कांटा निकाल दिया। 

वही बात आज भी है, जब कोई हमारा बुरा करता है हम तुरंत उसका जवाब देने की कोशिश करने लगते हैं, हमें ईश्वर से अधिक ख़ुद पर भरोसा रहता है, तो ईश्वर भी चुपचाप तमाशा देखते हैं, लेकिन ईश्वर ही दर्द के कांटे को आसानी से निकाल सकते हैं, बस एक बार भरोसा करके तो देखिए। सब्र करें और देखें