हिंसा पीड़ित विश्व राह महावीर की तकता है, वर्तमान को वर्धमान की आवश्यकता है पापों के दलदल में फस के धर्म सिसकता है, वर्तमान को वर्धमान की आवश्यकता है। 🖋️रवींद्र जैन जी # संगीत #महान संगीतकार # रवींद्र जैन जी के द्वारा लिखित