दिल नहीं लग रहा,जो ये कह रहा अंदर ही अंदर क्यों है घुट रहा छोड़ना झिझक,खोलना दिल और खुल कर जी... खुल कर जी... खुशी और गम बांटना जरूरी है अंदर भर के रखना मगरूरी है और एक दिन यही मगरूरी बन जानी बीमारी है दावे के साथ कह रहा..... सब कुछ ठीक-ठाक होने के बावजूद कभी कभी कुछ अच्छा नहीं लगता। #दिलनहींलगता #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi