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जो राधा के उपासक हैं, मैं उनसे प्रेम करती हूॅ॑! र

जो राधा के उपासक हैं, मैं उनसे प्रेम करती हूॅ॑!
 राधे– कृष्ण, राधे– कृष्ण , दिन– रात जपती हूॅ॑ ।।

जो करते रास लीला हैं, मैं उनकी रात्रि जोगिनी हूॅ॑,
 जो फोड़े दाधिया की मटकी मैं , उसी ग्वाले की गोपी हूॅ॑ ।
जिस वंशी की सुर पर हैं, तीनों लोक नतमस्तक ,
मैं उसी वंशी के स्वर में अब ,दिन– रात  रमती हूॅ॑ ।

जो राधा के उपासक हैं, मैं उनसे प्रेम करती हूॅ॑
 राधे– कृष्ण, राधे –कृष्ण , दिन– रात जपती हूॅ॑ ।।

             श्री कृष्ण जन्म अष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं आप सभी को

©Reshma Tripathi Raj Tripathi श्री कृष्ण जन्म अष्टमी

#DearKanha  hardik mahajan
जो राधा के उपासक हैं, मैं उनसे प्रेम करती हूॅ॑!
 राधे– कृष्ण, राधे– कृष्ण , दिन– रात जपती हूॅ॑ ।।

जो करते रास लीला हैं, मैं उनकी रात्रि जोगिनी हूॅ॑,
 जो फोड़े दाधिया की मटकी मैं , उसी ग्वाले की गोपी हूॅ॑ ।
जिस वंशी की सुर पर हैं, तीनों लोक नतमस्तक ,
मैं उसी वंशी के स्वर में अब ,दिन– रात  रमती हूॅ॑ ।

जो राधा के उपासक हैं, मैं उनसे प्रेम करती हूॅ॑
 राधे– कृष्ण, राधे –कृष्ण , दिन– रात जपती हूॅ॑ ।।

             श्री कृष्ण जन्म अष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं आप सभी को

©Reshma Tripathi Raj Tripathi श्री कृष्ण जन्म अष्टमी

#DearKanha  hardik mahajan