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बहाना एक भी नहीं था मुस्कुराने के लिए। मगर हम मुस

बहाना एक भी नहीं था मुस्कुराने के लिए।

मगर हम मुस्कुराए तुझे दिखाने के लिए।

कौन साथ देता है किसी का बुरे वक्तों में,
वरना ग़म बहुत हैं दिल में सुनाने के लिए।

दूरियां रफ्ता रफ्ता सारे रिश्ते तोड देती है,
मगर अब वक्त कहां है तुझे भुलाने के लिए।

मेरे ज़मीर ने मुझे ग़लत करने ही नहीं दिया,
वर्ना मौके बहुत आए बुलंदी पे जाने के लिए।

दोस्ती प्यार वफ़ा अल्फ़ाज़ सुकून तो देते हैं,
मगर ये चीजें होती नहीं हैं आजमाने के लिए।

©Akhilesh Soni Life Coach
  बहाना एक भी नहीं था मुस्कुराने के लिए।

मगर हम मुस्कुराए तुझे दिखाने के लिए।

कौन साथ देता है किसी का बुरे वक्तों में,
वरना ग़म बहुत हैं दिल में सुनाने के लिए।

दूरियां रफ्ता रफ्ता सारे रिश्ते तोड देती है,

बहाना एक भी नहीं था मुस्कुराने के लिए। मगर हम मुस्कुराए तुझे दिखाने के लिए। कौन साथ देता है किसी का बुरे वक्तों में, वरना ग़म बहुत हैं दिल में सुनाने के लिए। दूरियां रफ्ता रफ्ता सारे रिश्ते तोड देती है, #Motivational

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