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आंखें खुली और तुम्हारा दीदार हुआ, खिलता हुआ देख तु

आंखें खुली और तुम्हारा दीदार हुआ,
खिलता हुआ देख तुम्हें मेरा दिल बाग बाग हुआ,
बातेँ होती है अपनी ,कई लम्हों का तू  साझीदार हुआ।
मेरे ग़म और खुशियों का तू हरदम भागीदार हुआ।

 
दिल से मिलो, दिल से खिलो,,,

©Dr Rekha Kumari
  मेरे बगिया से, दिल बाग बाग हुआ 
#खुशी  #nojotostreaks

मेरे बगिया से, दिल बाग बाग हुआ #खुशी #nojotostreaks #Poetry

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