दरवाजे पर दस्तक हुई मैं धीरे से उठी और दरवाजा खोला एक लड़की मेरी ही उम्र की रंग साँवला बाल बिखरे हुए मैनें कहा जाओ तुम यहाँ से पर मुझे तुम्हारी मदद चाहिए अब क्या अपनी जान दे दूँ तुम्हें? ऐसा भी मत कहो तुम यार! तो और क्या कहूँ मैं? किसी और के कहने पर तुमने मुझे छोड़ दिया मेरी दोस्ती को तुमने कभी सोचा भी मैं जिऊँगी कैसे? पल पल मरने के लिए छोड़ दिया यह कह कर चली गई कि मैं अब दोस्ती नहीं निभा सकती This is first part. Second part will soon #YQBaba #YQDidi #knockonthedoor #दरवाजेपरदस्तक #myfriend #realstory