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क्या दिन थे जब चढ़ी दिवानी मिली थी एक खूबसूरत फ़लानी

क्या दिन थे जब चढ़ी दिवानी
मिली थी एक खूबसूरत फ़लानी
सर से पाँव तक थी जाफ़रानी
रोज़ कहती थी सुभाषितानि
मैं ही करता था आनाकानी
इश्क़ में डूबती जब उसकी जवानी
ताने देती रहती थी फ़लानी
मेरा काटा माँगे ना पानी
हाय हाय तौबा मेरी जवानी
  किसे सुनाऊँ मैं अपनी कहानी

©Anushi Ka Pitara #लाचार #जवानी 

#adishakti
क्या दिन थे जब चढ़ी दिवानी
मिली थी एक खूबसूरत फ़लानी
सर से पाँव तक थी जाफ़रानी
रोज़ कहती थी सुभाषितानि
मैं ही करता था आनाकानी
इश्क़ में डूबती जब उसकी जवानी
ताने देती रहती थी फ़लानी
मेरा काटा माँगे ना पानी
हाय हाय तौबा मेरी जवानी
  किसे सुनाऊँ मैं अपनी कहानी

©Anushi Ka Pitara #लाचार #जवानी 

#adishakti