काम लिखूं ?अंजाम लिखूं ? कितना हूँ परेशान लिखूं ? रहा ना खुद का में जो अब, खुद को क्या मेहमान लिखू ? भीड़ में खोया हूं शायद , अलग कैसे पहचान लिखूं ? जान जरा सी बची नहीं है, मरा हुआ इंसान लिखूं ? काम लिखूं ?अंजाम लिखूं ? कितना हूँ परेशान लिखूं ? रहा ना खुद का में जो अब, खुद को क्या मेहमान लिखू ? भीड़ में खोया हूं शायद , अलग कैसे पहचान लिखूं ?